Wednesday, September 2, 2009

मुझे तो कुछ करने ही नहीं देते...।

मैं अभी छोटा हूँ न... इसलिए मुझे मेरे घर वाले कोई काम ही नहीं करने देते। अपना मुण्डन कराने गाँव गया था। घर के आंगन को रंगोली से सजाने के लिए मेरी दीदी और बुआ लोग जुट गयीं थीं। हल्दी और चावल के घोल की कटोरी मेरे हत्थे चढ़ गयी थी, लेकिन मैंने जैसे ही उसे हाथ लगाया, एक बड़ी सी दीदी ने देख लिया और मुझे डाँट खानी पड़ी।

रोता देखकर डैडी ने मेरी फोटॊ खींचने के लिए मोबाइल निकाल लिया। मजबूरी में मुझे चेहरा ठीक करना पड़ा। रोती हुई फोटू अच्छी नहीं लगती है न...! कभी वैसी फोटू भी दिखाउंगा। अभी तो वही रंगोली वाली ही देखिए।रंगोली बना लू

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1 comment:

  1. वाह बेटा..जरुर दिखाना दूसरी वाली फोटो भी..ये भी तो अच्छी आई है.

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‘शाबास’ कहिए, बस...