Sunday, August 30, 2009

जब मैंने अपने हाथ-पैर से चलना सीख लिया था।

जब मैंने बक‍इयाँ चलना सीख लिया था तब मम्मी हमेशा डरी रहती थीं कि जाने कब मैं बिस्तर पर से चलते हुए नीचे टपक पड़ूँ। जब मैने एकाध बार छलांग लगा दी तो उन्होंने बिस्तर ही फर्श पर लगवा दिया था। डैडी अपने दोस्तों को भी वही जमीन पर बैठा कर मेरी मस्त चाल का आनन्द लेते थे। जी.एस. अंकल तो मेरे दीवाने थे। देखिए...

यह ऊपर की वीडियो क्लिप देखने के लिए यहाँ चटका लगाएं।

नीचे एक और यादगार वीडियो क्लिप  यहाँ है, चटकाइए

(सत्यार्थ)

Saturday, August 29, 2009

अभी तो कुछ सोचा नहीं है...!

Image023 मेरी पहली पोस्ट तो यूँ ही टेस्ट के लिए है। किसी और से उधार लिखवा रहा हूँ। बाद में एक पोस्ट लिखकर चुका दूंगा।

मैं तो अभी गोली बनाना ही सीख रहा हूँ। कुछ अक्षर लिखना सीख लूँ तबतक उधार खाता ही चलेगा।

आप सबको सादर नमस्कार।